इंडिया में 3 तरह के देश शामिल है

इंडिया का अमेरिका

हमारे देश इंडिया की आबादी लगभग डेढ सौ करोड़ है। और इतनी अपार जनसंख्या वाले देश इंडिया में 3 तरह के देश इसमे शामिल है जो इस प्रकार है ,

एक है इंडिया का अमेरिका, दूसरा इंडिया का मलेशिया या सिंगापुर ,तीसरा इंडिया का युगांडा ।

पहला विकसित है ,दूसरा विकासशील है और तीसरा कोशिश कर रहा है कि कहीं पहुँच जाए इन दोनों के आस-पास । इस बात को समझेंगे तो आपको अचरज नही होगा की वाकई में हम किस इंडिया में रहते है ।आपको यह जानने की जरूर इच्छा होगी की अखिर एक ही देश मे 3 देश कैसे शामिल है,तो जानते है।

इंडिया का अमेरिका

यहाँ रहने वाला वह व्यकि है जो पूरी तरह से डेवलप्ड है जिसके पास तमाम तरह की सुख सुविधाएँ प्राप्त है,इसके पास दौलत है,शोहरत है इज्जत है पैसा है । लक्ज़री हाउस, एक से बढ़कर एक लक्ज़री कारें इसके पास सभी तरह के संसाधन उप्लब्ध है, यह जब चाहे जो चीज चाहे खरीद सकता है। इस पृथ्वी में रह रहा ,हर एक मनुष्य अपने पूरे जीवनकाल मे, इसके जैसी जीवन पाने की कामना या इच्छा रखता है।

इंडिया का मलेशिया

इंडिया का मलेशिया

में रहने वाला वह व्यकि ,प्राणी या समुदाय होता है जिसके पास ठीक-ठाक संसाधन है तो ,लेकिन अमेरिका वाले से कम । इसका जीवन यापन अच्छे ढंग से चल जाएगा जो अभी अमेरिका बना तो नही है। लेकिन उसकी चाह रखता है, उसकी तरह बनना चाहता है ।

इंडिया का युगांडा

तीसरा इंडिया का युगांडा

यहाँ का व्यकि जिसकी जनसंख्या सबसे ज्यादा है , बुनियादी सुविधाएं, शिक्षा भी नाममात्र की है इसके पास किसी भी तरह का डेवेलपमेन्ट नही है जो मिल रहा है उसी में अपना काम चला रहा है अभी भी 5 किलो अनाज पर निर्भर है ।और इस बात की इसे समस्या भी नही है यह अपनी किस्मत समझ कर जिंदगी भर परिश्रम करता रहता है। अपने घर-परिवार की समस्याओं में ऐसे उलझा हुआ रहता है ,जैसे शिव की जटाओं में गंगा । इस देश की जनता इतनी भोली होती है कि अगर कोई भी इसे अमेरिका जैसे रहने-होने की बात करे तो उससे तुरंत जुड़ अपना मसीहा समझ उसके साथ हो लेता है।

सोचने वाली बात तो यह है, कि ये तीनो ही एक दूसरे को हेय की दृष्टि से देखते है । ये तीनो ही दिखते तो एक जैसे ही है । लेकिन उन्हें कुछ ऐसे संसाधन प्राप्त है, जो एक-दूसरे को एक-दूसरे से भिन्न बनाते है।

उदारण के तौर पर रेंज रोवर और अन्य लक्ज़री कार पर सवार व्यक्ति वेगनार वाले को निम्न, अपने से कम समझता है । वही वेगनार पे सवार कारवाहक अल्ट्रो कार पर चलने वाले मनुष्य को अपने आप से कम आंकता है ।इंडिया का अमेरिका, में रहने वाला व्यक्ति, इंडिया का मलेशिया में रहने वाले व्यकि को अपने बराबर का नही समझता ,वैसे ही इंडिया का मलेशिया में रहने वाला व्यक्ति इंडिया का युगांडा वाले इंसान को अपने बराबर का नही समझता उसे हेय की दृष्टि से देखता है इंडिया का अमेरिका में रहना वाला व्यक्ति सबसे उच्च स्तरीय या कहे तो पृथ्वी का खुदा या भगवान ही होता है , या खुद को समझता है और क्यो ?भी न समझे उसके पास वो सभी चीजें उपलब्ध जो हैं जिसके लिए मलेशिया और युगांडा वाले दिन दोगिनी रात चौगनी मेहनत कर रहे है, की शायद इसलिए कभी वो भी इंडिया का अमेरिका वाले कहलाएं ,इस जीव को सरकारी दफ़्तरो में भी अगर काम हो तो जाने की जरूरत नही होती उनका काम फ़टाफ़ट हो जाएगा जो भी वो चाहे चुटकियो में प्राप्त कर सकता है। और इसमें कोई बुराई भी नही है ,क्योंकि इंडिया का युगांडा में रहने वाला एकाध व्यक्ति ही पहले मलेशिया में कदम रखता है ,और फिर मौका मिलते ही इंडिया का अमेरिका वाला होके रह जाता है । इंडिया के युगांडा से उठा हुआ व्यकि ही युगांडा में रह रहे व्यकि को सपने दिखाता है कि तुम भी इंडिया के अमेरिका में आ सकते हो । लेकिन ऐसा कतई संभव नही है ,वह मात्र कहने के लिए कहता है । वह भी जानता है कि यह इतना आसान नही है ।और वह कभी नही चाहता कि युगांडा में रहने वाला भी उसके बराबर अमेरिका वाला बन सके ।उन्हें तभी ऐसे सपने दिखाता है जब उसे अपना फायदा होता दिखता है। और इंडिया का युगांडा में रहने वाला व्यकि इतना भोला होता है कि उसे सच मान लेता है और उसी सपने के साथ जीता चला जाता है।

हमारा इंडिया और यहां के लोंगो की सबसे भली बात यह है , कि सब एक दूसरे से मिलकर रहते है चाहे इंडिया के किसी भी हिस्से से आते हो ।

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Adarsh

पहले सोचता हूँ, फिर लिखने की सोचता हूँ, अच्छा लगा तो लिखता हूँ।